जानना बहुत जरूरी है
*अनुसूचित क्षेत्रों को खत्म करने का रास्ता है पैसा एक्ट*
आदिवासियों के हक व अधिकार की लड़ाई जारी है और जारी रहेगी। जल जंगल जमीन का संघर्ष का इतिहास बहुत पुराना है जिस जल जंगल जमीन के लिए मेरे पुरखो ने कुर्बानी दी, शाहिद हुये उनकी कुर्बानी बेकार नही जाने देंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है अनुसूचित क्षेत्र में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की एक इंच जमीन नही है फिर अनुसूचित क्षेत्र में गैर आदिवासी किस की जमीन पर बसा है, फिर अनुसूचित क्षेत्र में बसा गैर आदिवासी जब मतदान करता है तो वह मतदान सवैधानिक कैसे हो सकता? भारत का सविधान कहता है आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासी नही खरीद सकता फिर अनुसूचित क्षेत्र में गैर आदिवासी कैसे बस रहा है। यह तो संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है । केंद्र सरकार और राज्य सरकार पैसा कानून के तहत अनुसूचित क्षेत्र में हावी हो रही है, पैसा कानून के तहत गैर आदिवासियों , फैक्ट्रीयो बसा रही है, अनुसूचित क्षेत्र को धीरे धीरे दीमक की तरह खत्म कर रही है , अनुसूचित क्षेत्र को सामान्य क्षेत्र बनाने की कोशिश कर रही है।
हमे समाधान की आवश्कता है हमारे जल जंगल जमीन को बचाने का समाधान की आवश्यकता है ।
और आदिवासी महासभा के द्वारा जल, जंगल जमीन को बचाने का रास्ता , समाधान दिया गया है, आदिवासी समुदाय जिस दिन अपना मतदान , अपना वीटो पावर किसी को नही देगा उस दिन अनुसूचित क्षेत्रों से सवर्ण पार्टी , आरएसएस खत्म होना प्रारभ हो जायेगा, केंद्र सरकार व राज्य सरकार अनुसूचित क्षेत्र में हावी होना छोड़ देंगी।
आरएसएस का हिन्दू राष्ट का सपना सिर्फ सपना ही रहेंगा हकिगत नही हो सकता। आदिवासियों का वीटो पॉवर (मतदान)हिन्दू राष्ट बनने से रोक सकता है।
हमारे समाज के ही दलाल दुश्मनों के लिए काम कर रहे है, हिन्दू राष्ट बनाने में सहयोग कर रहे है पैसा कानून का प्रचार प्रसार कर रहे है, अनुसूचित क्षेत्र को खत्म करने का काम कर रहे है समाज को यैसे दलालों से सावधान होने की आवश्यकता है उन्हें पहचानने की आवश्यकता है।
पैसा ग्राम सभा नही, हमे हमारी रूढ़ि व प्रथा, पारम्परिक ग्राम सभा से संचालित होते है , मालिक बनने का रास्ता यही है समस्या का समाधान यही है *""पारम्परिक ग्राम सभा""*
बिना मतदान किये मालिक बनने का रास्ता ,हर समस्या का समाधान है , *पारम्परिक ग्राम सभा*""
आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय महासचिव कृष्णा हांसदा जी को फर्जी केस बना कर गिरफ्तार किया गया , ये जानते हुए भी कि आदिवासियों के ऊपर मानव निर्मित कानून लागू नही है फिर भी कृष्णा हांसदा जी को गिरफ्तार किया गया, क्योकि आदिवासी महासभा ने ही मालिक बनने का रास्ता दिखाया , जल,जंगल,जमीन को बचाने का रास्ता दिखया। समाज का काम तो कृष्णा हांसदा जी ने किया, समाज को जगाने का असली काम तो कृष्णा हांसदा जी ने किया , जमीन में आज हक व अधिकार की हल चल है तो वो कृष्णा हांसदा जी की मेहनत का नतीजा है, मंच से पांचवी अनुसूची की बात करना और उसका प्रक्टिकल करना ,जमीन आसमान का फरख है, जमीन स्तर पर प्रक्टिकल कर के कृष्णा हांसदा जी ने समाज को जागरूक करने का , मालिक बनने का रास्ता बताया परिवार की चिंता न करते हुए समाज को अपने हक व अधिकार के लिए जागरूक किया और आज उन्हें फर्जी केस बना कर गिरफ्तार किया गया । सवाल तो अब उठने लगा है इतने सालों से हक व अधिकार की बात करने वाले संघटन क्या कर रहे है? क्या मंच में ही पांचवी अनुसूची की बात करते है, जमीन में पालन करने की बात क्यो नही करते ? संघटन बना बना कर समाज को टुकड़े टुकड़े में बिखरने का काम किया गया , संघटन बना कर सिर्फ कार्यक्रम करना और भीड़ बुलाकर बेचने का काम किया है। समाज को गुमराह करने का काम किया है। समाज का काम तो आदिवासी महासभा ने किया कृष्णा हांसदा जी ने किया जिसके कारणआज शासन व प्रशासन आदिवासी महासभा केलोगों को जबरन फर्जी केस बना कर जेल में डाल रहा है। समाज यैसे आंदोलनकारी पर गर्व करता है क्योंकि आज समाज अपने हक व अधिकार को पाने के लिए संघर्ष करने लगा मालिक बनने के रास्ते पर चलने लगा।
पर समाज के दलाल अभी भी यह नही चाहते कि हम मालिक बने इसलिए राजनीति की ओर लेकर जाना चाहते है , समाज का उत्त्थान राजनीति से नही होने वाला है 70 साल से समाज को बेचने का काम किया फिर वही रास्ता पे लेकर जा रहे है ।
अब वक्त आ गया है कि हमारे पुरखो की कुर्बानी , उनका बलिदान को एक सम्मान देना उन्हें शाहिद का सम्मान देना होगा आज तक हमे हमारे इतिहास, वीर शहीदों के इतिहास से दूर रखा ।
*आज तक आपने भारत छोड़ो आंदोलन को पढ़ा और जाना पर यह नही जाना कि एक विदेशी ने दूसरे विदेशी के लिए भारत छोड़ो आंदोलन किया, अब वक्त आ रहा है उलगुलान करने का आर्य विदेशी भारत छोड़ो, भारत छोड़ो*
जागो आदिवासी जागो
रूढ़ि व प्रथा जिंदाबाद
सेवा जोहर, हूल जोहार
Comments
Post a Comment