भीड़ का महत्व
''भीड़''
ना मै भीड़ हूँ
ना ही मै भीड़ का हिस्सा हूँ
मै तो भीड़ की खोज मे हूँ
वो भीड़ जो दृष्टिकोण के
बदलाव से संघठन बने।
भीड़ का नाम ही् प्रजा है
भीड़ के आगे सजा है
वो भीड़ जो पुलिस भीड़
देख कर ना भागे ॥
हम अभी भेड़ के भीड़ में है
ना दिशा है ना ही मंजिल है
विषय है तो जानकर पीछे है
यह वही भीड़ है
जो महापुरूषों के साथ हैॅ
जो डर के आगे
लाचार और गुम हो जाती है
कभी बच्चों का डर तो
कभी नोकरी जाने का डर
संविधान बचाने के लिऐ
तो कभी कभी संविधान का डर
भीड़ चलाने में धन का अभाव
कुशल नेतृत्व की कमी तो
भीड़ में आपसी फूट की भरमार
खीच रहे टांग अपनों की
मु्र्दों की इसी भीड़ में ॥
भीड़ मे दौड कर आगे है
कुछ लोग भीड़ तोडकर आगे है।
तो कुछ भीड़ जोड़कर आगे है
ये सिलसिला यूँ ही चलता रहेगा ॥
भीड़ को जोड़ कर
भीड़ तोडकर दोडकर
हम सब आगे बढते रहेगे
मगर भीड मे वो मजदूर
लाचार असहाय
गरीबी के बोज तले
दबे हुये है कहता है
मुझे भीड़ बनाकर ले जाते है ।
भीड़ की शान हूँ मै ।
भीड़ का पीडित भी मै ही हूँ ॥
ये भीड़ तो दो वक्त गरीब की
रोटी का किस्सा है ॥
कानून है पर न्याय नहीं ।
संविधान है तो अधिकार नहीं ॥
व्हाटसप की भीड़ मे मै कहॅा हूँ
ना मै भीड़ हूँ मगर मै भीड़
न हीं मै भीड़ का हिस्सा हूँ ॥
ना ही मै भीड़ का हिस्सा हूँ
मै तो भीड़ की खोज मे हूँ
वो भीड़ जो दृष्टिकोण के
बदलाव से संघठन बने।
भीड़ का नाम ही् प्रजा है
भीड़ के आगे सजा है
वो भीड़ जो पुलिस भीड़
देख कर ना भागे ॥
हम अभी भेड़ के भीड़ में है
ना दिशा है ना ही मंजिल है
विषय है तो जानकर पीछे है
यह वही भीड़ है
जो महापुरूषों के साथ हैॅ
जो डर के आगे
लाचार और गुम हो जाती है
कभी बच्चों का डर तो
कभी नोकरी जाने का डर
संविधान बचाने के लिऐ
तो कभी कभी संविधान का डर
भीड़ चलाने में धन का अभाव
कुशल नेतृत्व की कमी तो
भीड़ में आपसी फूट की भरमार
खीच रहे टांग अपनों की
मु्र्दों की इसी भीड़ में ॥
भीड़ मे दौड कर आगे है
कुछ लोग भीड़ तोडकर आगे है।
तो कुछ भीड़ जोड़कर आगे है
ये सिलसिला यूँ ही चलता रहेगा ॥
भीड़ को जोड़ कर
भीड़ तोडकर दोडकर
हम सब आगे बढते रहेगे
मगर भीड मे वो मजदूर
लाचार असहाय
गरीबी के बोज तले
दबे हुये है कहता है
मुझे भीड़ बनाकर ले जाते है ।
भीड़ की शान हूँ मै ।
भीड़ का पीडित भी मै ही हूँ ॥
ये भीड़ तो दो वक्त गरीब की
रोटी का किस्सा है ॥
कानून है पर न्याय नहीं ।
संविधान है तो अधिकार नहीं ॥
व्हाटसप की भीड़ मे मै कहॅा हूँ
ना मै भीड़ हूँ मगर मै भीड़
न हीं मै भीड़ का हिस्सा हूँ ॥
वासुदेव मोहनलाल बेठे
मुख्य अभियंता (ONGC EOA )
मुख्य अभियंता (ONGC EOA )
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