समस्या के समाधान पर रावेनशाह का सबसे सरल तरीका
कोया पुनेम सांस्कृतिक महोत्सव सम्पन्न हुआ- पारम्परिक ग्राम सभा गोंडी टोला (बाडीबाडा) सिवनी
साथियों आपको जानकारीे देने मे हर्ष हो रहा है कि हमारे ग्राम गोंडी टोला बाडीबाडा सिवनी मे 25 फरवरी 2018 को सांस्कृतिक महोत्सव का कार्यक्रम बड़े हर्ष और उत्साह से मनाया गया जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों से आए हमारे समुदाय के सगाजनों कोयावंशियों ने मिल जुलकर भाग लिया गर्व किया की हमारी संस्कृति दुनिया मे सबसे अच्छी है जो समानता पर आधारित जिसका संबंध और अनुसरण प्रकृति से जुड़ा हुआ है!
इस कार्यक्रम मे कहीं भी ऊंच-नीच का व्यवहार नही हुआ सभी को एकता और संगठन के रूप मे देखा गया कार्यक्रम मे पहुँचे जिले के होनहार युवा साथियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया सबसे बड़ी उपलब्धि यही रही कि सिवनी जिले के सबसे कम उम्र से कार्य कर रहे तिरू रावेनशाह उईके ने अपनी बात जिस तरीके से रखी वह दिल को झकझोर कर देनी वाली रही उन्होंने समाज को आगाह किया कि षडयंत्र के हम शिकार हो रहे है हमारी नीति और योजना हमारा दुश्मन पल भर में विस्थापित कर देता है यह हमारे समाज के जीवन लिए घातक हो रहा है इसी की वजह से हम आक्रमणकारियों से हार रहे है! इसी पर संतकुमार मर्सकोले आजाक्स ने ब्राह्मण वाद, आरक्षण एवं सामाजिक सत्ता के लिए जबरदस्त तरीके से समाज के जागरूकता पर बल दिया एवं सामाजिक कार्यकर्ता पी.एस.ताराम बालाघाट ने संस्कृति पर मौलिक जानकारी दी जो प्रकृति पर कोयतुड व्यवस्था है जिसकी वजह से हम देश के मालिक और हमें संवैधानिक अधिकार प्राप्त है!!
रावेनशाह ने कहा समाज को अभी भी वक्त है डायनासोर की स्थिति मे जाने से बचाने का आज आन-बान-शान पर गहरा आघात पहुँचा है जिसकी वजह से कहा मेरा समाज सड़क पर है गढ्ढों पर यह बेघर है अपने ही वजूद के साथ अस्तित्व से दूर हो गया है इसी की वजह से समाज मे पिछडापन और पहचान का संकट अंधराता हुआ नजर आ रहा है इससे आज निपटने की जरूरत है यहाँ हमारे समाज की संस्कृति उसकी व्यवस्था और विधि का बल रखने वाली अधिलोपित विधियाँ विलुप्त सी हुई है!
इस हेतु रावेनशाह उईके ने समस्या का समाधान की बात रखते हुए कहा हमारा देश प्रजातांत्रिक देश है यहाँ जनता की सरकार होती है जिसका गणराज्य होता है वहीं देश की व्यवस्था पर सर्वोपरी होता है जनता के द्वारा चलाये जाना वाला कानून को लोकतंत्र कहते है जिसकी शक्ति जनता पर निर्भर होती है इसी को ध्यान मे रखते हुए रावेनशाह ने कहा आदिवासियों के लिए भी भारत के संविधान मे उनके लिए विकास और सृजनात्मक उत्तरदायित्व सरकार को निर्वहन करने हेतु दिया गया है जिससे जनजातियों का आर्थिक, सामाजिक , शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए प्रदान किया गया है!!
परन्तु आज देश मे स्वतंत्रता से लेकर आज तक तथाकथित विकास ही आदिम समुदाय का हुआ है जिसको लेकर आदिम समुदाय मे बहुत ज्यादा कुपोषित, दुर्दशा खराब हुई है जिसके कारण वह खुद को पहचानने मे नाकामयाब है जिसको लेकर आज वह जीवन को सुंदर कर पाने मे असहज महसूस कर असुरक्षित हो गया है आज वह बर्बर की जिंदगी के किनारों पर जा पहुँचा है यह देश हित मे अन्यायपूर्ण रवैया आदिवासियों जीवन मे आहत क्रूर कृत्य है जिसकी भरपाई वर्तमान सरकारें और पूँजीगत व्यवस्था पर आधारित संगठनों(N.G.O.) कभी नही करेंगे यह बल्कि आदिवासियों के लिए जानबूझकर किया जा रहा है आंतरिक व्यवहार है जो सोची-समझी साजिश को उजागर कर रही है !!
इसके लिए रावेनशाह ने एकमात्र विकल्प दिया वह है कहा कि हमारा मतदान का अब दुरुपयोग बहुत हो रहा है हमारे वोट से हमको ही लूटा जा रहा है हमारे बसे गांव की बहार को उजाडा जा रहा है जो जल-जंगल-जमीन को हमारे संबंध से खत्म करने का आधुनिक रास्ता है यह भयंकर दंश झेलने को संकेत कर रहा है यह आदिम समुदाय के जीवन को ध्वस्त कर रहा है! इसके लिए हमें अब अपनी वोट की शक्ति जिसे हम प्रत्येक पंचवर्षीय पावन पर्व पर दान देते आएं है जो हमारी शक्तियों अधिकारों की पूँजी एक व्यक्ति को भरोसा मे देते रहे है उसे अब किसी को नही देना है बल्कि स्वयं की शक्ति का उपयोग स्वयं के विकास के लिए करना है जिससे देश का पिछड़ा हुआ समाज समानता पर आकर खड़ा हो सके देश मे बराबरी के साथ जी सके जिसे मान-सम्मान-स्वाभिमान प्राप्त हो सके वो समाज जीने लायक बन सके ऐसी शक्ति आपके पास स्वयं है जो भारत के संविधान मे दि गई है!!
यहीं मात्र विकल्प है जो आदिवासियों को उनके अधिकारों को सुरक्षित और जीवित रखने मे सफल होंगी जिसे रूढी-प्रथा कहते है जो पारम्परिक व्यवस्था है जिसका अस्तित्व दुनिया निर्माण से लेकर आज तक जो प्रकृति आधारित है जिसका विघटन कभी नही है जो पूर्ण रूप से आज जीवित है जिसकी आवश्यकता आज महत्वपूर्ण है!!
रावेनशाह उईके मानते हैं कि आदिवासियों का विकास सिर्फ और सिर्फ आदिवासियों की संस्कृति पर आधारित व्यवस्था जो परम्परागत है वही उनको बचा सकती है या आदिवासियों को संकट से कोई नही उबार पाएगा क्योंकि सरकार विश्वासघात के सिवा कुछ नही कर रही है अपितु विकास की जगह अयोग्य शिक्षा, अन्याय, अत्याचार, शोषण विस्थापन, पलायन, बेरोजगारी और कुपोषण जैसी चर्चाओं से बाहर है यह शिला 1947 से ही उनको मिला हुआ जो आज भी कायम है!!
इसलिए हम अब आदिवासियों के अधिकार बचाना चाहते है उनके जीवन को दुरुस्त करना चाहते है तो हम कोई ऐसे राष्ट्रीय पर्व नही मनाएँगे जो हमारी राष्ट्रीय समस्या को हटा ना सकें हो हम ऐसा मतदान नही करेंगे जो हमारे ही खिलाफ काम करते हो बल्कि हम अब सामूहिक पारम्परिक व्यवस्था से ही चलेंगे जो हमारे देश के संविधान पर आधारित हो जिससे देश और समाज को प्रबल बनाती हो !!
इस अवसर पर हमारे जिले के युवाओं ने आदिवासियों के हित मे रावेनशाह उईके के साथ कदम मिलाने की शपथ ली कहा " देखो देखो कौन आया गोन्डवाना का शेर रावेनशाह उईके आया" यह नारा पर रावेनशाह की प्रतिक्रिया गौरवान्वित करने वाली रही जो उन्होंने जनहित मे समाज को विस्तार पूर्वक समझाते हुए कहा!!
सिवनी के युवाओं के लिए रावेनशाह ने कहा कि आइये हम सब मिलकर इस लड़ाई को आगे बढ़ाएँ हम घर से निकले समूचे समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए जिस समाज के पिता का खून हमारे रगो मे दौड़ रहा है जिस समाज की माँ के गर्भ से हमारा जन्म हुआ है जो समाज हमारे जीवन को लालन-पालन कर रहा है जो हमें रोटी और बेटी देगा और दिया है जो मरने के बाद हमें कंधा देगा इस समाज के हम पहले कर्जदार है जिसे चुकाने की आज महत्वाकांक्षा एवं महती आवश्यकता है जहां हमारे समाज सबकुछ छिपा सा हुआ है!!
आज युवा को जागने एवं जगाने की जरूरत है संघर्ष मे शामिल होने की जरूरत है यह बात सभी प्रकार से रावेनशाह ने अपने उद्बोधन मे कही!!
पारम्परिक ग्राम सभा गोंडी टोला (बाडीबाडा), बाम्हनदेही के साथ, अखाडा ग्रुप बाम्हनदेही, पारम्परिक ग्रामसभा प्रधान रामप्रसाद सरयाम, मुखराम भलावी, तारेशाह उईके, गोलू उईके, बारेशाह उईके गोंडी टोला के समस्त जन एवं युवा ग्रामीण एवं शहर का समाज का जनमानस मौजूद रहा जिसमें तिरू. पी.एस.ताराम बालाघाट, संतकुमार मर्सकोले अाजाक्स सिवनी, रमेश भलावी घंसौर, श्याम धुर्वे वरिष्ठ समाज सेवी बरघाट, कमलेश गोंड नैनपुर मंडला, संतोष पहलवान, सतीश ककोडिया कैलाश उईके, मुकेश जी, रामनाथ कुमरे, संतोष पंद्रे, कैलाश बाबू, राकेश ककोडिया बाम्हनदेही, सरपंच ग्राम पंचायत बोरदई, ग्राम पंचायत केकडवानी, नन्हेलाल कुमरे बैनगंगा कटंगी, राजा ककोडिया सिवनी, मानकसिंह खुशराम, संजू भलावी कलारबांकी बंडोल, गायक रामस्वरूप उइके ,जनजागृती ग्रुप हरर्ई ,छिंदवाड़ा, रमेश खुशराम सिवनी, रामनाथ इडपाचे पलारी, उमेश परते,अनिल धुर्वे छपारा, आरामसिंह उईके, विजयकुमार उईके अामानाला, कृष्ण कुमार उइके धनौरा, सतीश भलावी, कु.श्री उईके , रेखा उईके कुरई,बीरलाल इनवाती मीडिया प्रभारी सिवनी, बंसल न्यूज सिवनी, गोंडवाना समय केवलारी सिवनी, विवेंद्र मर्सकोले केवालारी, राधेश्याम उईके लखनादौन, सभी सांस्कृतिक ग्रुप जिला सिवनी एवं इंस्टीट्यूट आफ कोयान दा विजन सिवनी उपस्थित रहा!!
आभार- पारम्परिक ग्राम सभा, बिरषा सेना गोंडी टोला बाडीबाडा सिवनी मध्यप्रदेश!!
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