An institute of Koyan the vision

हम पढेंगे हम बढ़ेंगे चलो चलें शिक्षा की ओर........
इंस्टीट्यूट आफ कोयान दा विजन

सिवनी:- गोंडी भाषा संस्कृति संरक्षण एवं स्वावलंबन नेतृत्व क्षमता परिवर्धन करने हेतु इंस्टीट्यूट आफ कोयान दा विजन की महत्ता को समझने वाले तिरू .राधेश्याम उईके लखनादौन(सिवनी) ने इंस्टीट्यूट को सप्रेम भेंट की संस्कृति का रहस्यमय ज्ञान को प्रकाशित करने वाला ग्रंथ पारी कुपार लिंगो "कोयापुनेम दर्शन" लेखक-पेन डा.मोतीरावण कंगाली जी""""

इंस्टीट्यूट को लगातार आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी समाज के युवाओं में सामाजिक शैक्षणिक एवं स्वावलंबन नेतृत्व क्षमता का विकास तभी संभव है, जब समाज का युवा समाज के इतिहास को पढेगा इसी आशय के साथ तिरू. राधेश्याम उईके लखनादौन ने इंस्टीट्यूट के मूल लक्ष्य को परखते हुए ग्रंथ"कोयापुनेम" सप्रेम भेंट की संस्कृति संरक्षण में एकमात्र ग्रंथ जो गोंडी पुनेम का मार्गदर्शन करता है जो प्रथम है!
        इंस्टीट्यूट आफ कोयान दा विजन सिवनी समाज के मूल और व्यवस्था की जानकारी उपलब्ध कराने वाले सभी इतिहास की आवश्यकताओं की पूर्ति करना चाहता है जो सही नेतृत्व खड़ा करने मे शक्ति प्रदान करता हो!
तिरू.राधेश्याम उईके को फडापेन समृद्ध शक्ति प्रदान करें जिससे वो व्यक्तित्व विकास के साथ समाज के सर्वांगीण विकास की भी नींव बने!
    इंस्टीट्यूट आफ कोयान दा विजन सिवनी की ओर से जनहित के लिए "पारी कुपार लिंगो कोया पुनेम दर्शन" सार्वजनिक सम्पत्ति होगी!
इंस्टीट्यूट आफ कोयान दा विजन सिवनी सम्मानीय राधेश्याम जी को सह्रदय से आभार प्रकट करता है साथ ही इंस्टीट्यूट मे आमंत्रित करता है!!
          इंस्टीट्यूट को जिस तरीके से समाज के समर्पित वास्तविक रूप से समाज के लिए सोचने वालों का मार्गदर्शन मिल रहा है वह प्रशंसनीय व सराहनीय है!
          आप भी आपके लेख विचार, इतिहास एवं प्रशासनिक सेवाओं की प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी हेतु सामग्री उपलब्ध करा सकते है!

इंस्टीट्यूट आफ कोयान दा विजन
(गोंडी भाषा संस्कृति संरक्षण एवं स्वावलंबन नेतृत्व क्षमता परिवर्धन तथा शैक्षणिक (सामान्य ज्ञान एवं अंग्रेजी) एवं प्रशासनिक सेवाओं की प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी हेतु आदिवासियों के लिए प्रतिदिन संचालित प्रशिक्षण केंद्र)
स्थान:-१५,रानी, दुर्गावती चौक के पास सिवनी मध्यप्रदेश।

(इंस्टीट्यूट मे सामाजिक सद्भाव ही निहित है)

Comments

  1. कोयान द विजन का सराहनीय कार्य

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